बुद्ध वेदान्त से अलग नहीं- स्वामी ओमा द अक्

काशी
21 मई 2016

देश की आध्यात्मिक संस्था अक् - ओमास् कॉसमॉस फॉर अक् रेवेलेशन एवं अक् जागृत मतदाता मंच द्वारा चरित्र-यात्रा श्रृंखला के अंतर्गत इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर "सम्यक दृष्टि" कार्यक्रम का आयोजन उमा पैलेस, कैंटोनमेंट में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व को अपने विचारो से प्रभावित करने वाले बुद्ध के जीवन की समालोचनात्मक दृष्टि से उसकी प्रासंगिता पर था।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जाने माने कवी एवं विचारक संस्कृति पुरुष डॉ उदय प्रताप सिंह जी उपस्तिथ रहे, जिनके काव्य और भाषण में बुद्ध के समतावादी विचारो की रसधार बहती हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा की समाजवाद के प्रथम प्रणेता गौतम बुद्ध थे। उन्होंने छूत-छात, जात-पात से ऊपर उठकर के आत्म कल्याण की नयी भूमिका लिखी और हिन्दू धर्म में एक नए सुधारवादी आन्दोलन की नीव रखी। साथ ही साथ उन्होंने अपनी कवितायेँ और ग़ज़ले सुनाई और आध्यात्म मूर्ति स्वामी ओमा दी अक् के प्रभावी प्रयास की सराहना की ।

इस अवसर पर अध्यक्षीय भाषण के दौरान आध्यात्म मूर्ति स्वामी ओमा दी अक् ने कहा बुद्ध के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव दुनिया में दिखाई देते हैं। एक तरफ जहाँ बुद्ध ने करुणा और निर्वाण जैसे महत्वपूर्ण दार्शनिक सन्देश दिए और विज्ञानवाद की स्थापना की। वहीँ दूसरी तरफ सामाजिक जीवन में वर्ण, चरित्र और संबंधो की अवधारणा प्रस्तुत की, जो न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में धर्म की दिशा को बदल देने वाला था। किन्तु बुद्ध के पश्चात बौद्ध धर्म का पतन और संघवाद का उदय एक घातक परिणाम देता हैं। साथ ही साथ धर्म की एक संकीर्ण परिपाटी भी प्रराम्भ हुई। कुल मिलाकर बुद्ध अपने वास्तविक स्वरुप और धर्म में न रहकर आडम्बरो में ज़्यादा मिलता हैं।

अति विशिष्ट अतिथि के रूप में नगरआयुक्त हरी प्रताप शाही जी उपस्तिथ रहे, उन्होंने संस्थान के प्रयासों की सराहना की और गौतम बुद्ध के विचारो को आज के समाज में प्रासंगिक बताया।

इस अवसर पर चराग़े-दैर पंडित राजेश्वर आचार्य ने बुद्ध के जीवन के नियमो पर प्रकाश डाला।

अन्य वक्ताओं में अमित, साकिब भारत, बहाउद्दीन और अमिताभ भट्टाचार्य थे। इस अवसर पर नोमान हसन ने सुलेमान आसिफ की गौतम बुद्ध पर लिखी नज़्म सुनाई। संचालन इमरान हसन ने किया, स्वागत गोपाल भारत, आनंद सिंह, अफसर ने किया। कार्यक्रम का संयोजन हितेश अक् ने किया।

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