Posts

Showing posts with the label आसिफ

"क़िरदारे-आसिफ़"

Image
अच्छी बात है....! हाँ ! यही एक जुमला था..जो वो अक्सर दुहराते थे... कोई भी दौर हो कोई भी मौक़ा हो कोई भी शख्स..उन्हें उसमें एक न एक अच्छी बात मिल ही जाती थी...जैसे हँस को नीर में क्षीर.. ! आँखों पर मोटा ऐनक... जैसे आसमान झलकाता दरीचा..सर पर शायराना टोपी..जैसे किसी फीक्रमन्द-पहाड़ की पुरअसरार चोटी..ज़रा सा झुकती रीढ़..जैसे नीम-सिज़दा किये कोई मोनिन..या अल्लाह की शान-ओ-अदब सर झुकाए कोई शरीफ़ बन्दा..जिसके हाथ में एक श्मशीरे-हक़ ... सूरते-क़लम लहराती जाती..हाँ ! कभी कभी ये इश्क़ के फूलों से भरपूर कोई नाज़ुक टहनी भी बन जाती..और फ़िज़ाओं में ग़ज़ल महकने लगती...!....उनकी आवाज़ में जंगली शेर की दहाड़ थी तो उमर ख्यायम की रुबाइयों में गूँजते रावाब का सोज़ भी था..सच की आवाज़ ऐसी ही होती है..! "हंगामा-हस्ती से अलग गोशा-नाशिनो/बेसूद रियाज़त का सिला माँग रहे हो..".... अपने वक़्त...अपने समाज को ख़ुद-मुख्तारी और मेहनत का सबक देने से पहले उन्होंने उसे अपनी ज़िंदगी में ढाला...वो ता'उम्र मेहनतकश रहे और दिलदार भी...उन्हें वक़्त ने कई थपेड़े दिए..दर्द दिए...बीमारियाँ दीं... लेकिन वो बस ये कह कर हँस देते.."च...