गणतंत्र दिवस पर “भारतीय गणतंत्र में सहिष्णुता”



काशी २६ जनवरी, नगर की सामाजिक संस्था अक् जागृत मतदाता मंच और मदर हलीमा स्कूल के संयुक्त तत्वाधान में देश के ६७वे गणतंत्र दिवस पर “भारतीय गणतंत्र में सहिष्णुता” नामक गोष्ठी का आयोजन मदर हलीमा स्कूल, ज़ेरेगुलर के प्रांगण में हुआ | 

गोष्ठी में मुख्य रूप से स्वामी ओमा दी अक् ने कहा कि वामपंथी हमेशा उस देश के बहुसंख्यक जाति की उपेक्षा करते हैं और अल्पसंख्यको की बात करके उनपर शासन करने की कोशिश में लगे रहते हैं और अगर उनको इसमें सफलता मिल जाए तो उस देश में मजहब को जिन्दा नहीं छोड़ते इसलिए भारत में मुसलमान उनको अपना हथियार  लगता है इसलिए वो उनका इस्तेमाल करते हैं और इस वजह से उनका सारा सेकुलरिज्म आकर हिन्दुओं पर टूटता है | उन्होंने कहा कि इस देश के मुसलमान को वास्तव में सहिष्णु होने की ज़रूरत है अगर वो न संभला तो १०-१२ सालों में इस विश्व में भयावह स्थिति पैदा हो जायेगी | मुसलमान को अपनी गलतियों को सबसे पहले सुधारना होगा अगर वो यह कर पाने में असमर्थ है तो वो न खुद को ठीक कर सकता है न ही अपने भाई बंधुओं को| 

इस देश के विभिन्न सम्प्रदायों के मानने वाले अपनी अहंकार की लड़ाई में एक दुसरे से लड़ते आ रहे है अगर उन्हें इस देश को अभी जिंदा रखना है तो उन्हें सही मायनों में अपने अपने चरित्र में विकास करके भारत को विकासशील और प्रगतिशील बनाना होगा वरना आने वाले समय में हम सब बस मशीनी इंसान हो कर रह जायेंगे जिनमे संवेदनाएं ना होंगी | भारत इस दुनिया का अकेला वो देश है जिसकी जमीन अब भी धड़कती है, सहिष्णुता यहाँ पर किसी सम्प्रदाय में नहीं बसी बल्कि भारत की मिटटी का गुण है, अगर हमे कुछ बचाना है तो मनुष्यों के अंदर संवेदनाएं बचाएं | 

भारत का संविधान दुनिया का सबसे अच्छा  संविधान है यहाँ पर आज भी मौलिक अधिकारों की रक्षा की जाती है, आज हमे शिक्षा प्रणाली में बच्चों को भारत के संविधान को मूलतः पाठ्यक्रम में शामिल करके पढाया जाना चाहिए ताकि हम इस देश में अपने मौलिख अधिकारों को जानने वाले नागरिको को और अपने राष्ट्र के और उसमे रहने वाले लोगो के प्रति जिम्मेदारी को समझने वाले लोग पैदा कर सके|   गोष्ठी में से बहाउद्दीन सिद्दीकी ने कहा की जैसे किसी और देश का मुसलमान आतंक के साए में जीता है मगर भारत में मुसलमान इसलिए आज़ादी से घूम सकता है और अपनी बात कह सकता है क्यूंकि इस देश का हिन्दू सम्प्रदाय सहिष्णु है |

इमरान हसन ने कहा कि जो लोग इस तरह की बातें करते है कि भारत असहिष्णु हो गया है वो छोटी सोच के लोग है उन्हें बस अपने फायदे से मतलब है ना कि देश की एकता से लगाव | गोष्ठी में इरफ़ान हसन, अहमद, हितेश अक् और रिजवान खान ने अपने विचार व्यक्त किये |  कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं का स्वागत अंसर, अकमल द्वारा माल्यार्पण करके किया गया | कार्यक्रम का सञ्चालन नोमन हसन खान और धन्यवाद् ज्ञापन करते हुए साकीब भारत ने कहा की जब तक हम अपने मज़हब से बढ़ कर अपने देश की अहमियत नहीं समझेंगे तब तक देश में शान्ति और विकास असंभव है |

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