Shoojit Sircar's PINK Bollywood Movie Review
"पिंक" एक घटना है-- मग़र एक ऐसी घटना जो रोज़ अपना क्षेत्र बदल कर देश-विदेश में कहीं न कहीं घटती रहती है ! "पिंक" एक त्रासदी है-- जो हर वर्ग और समाज की स्त्री को झेलना पड़ता है ! "पिंक" एक कहाँनी है-- जो आदमी और इन्सान जे बीच की लकीर खिंचती है ! "पिंक" एक विद्रोह है-- जो शरीर के बल को आत्मा के बल से ऊपर रखने को अस्वीकार करता है ! "पिंक" एक उम्मीद है-- जो स्त्री-पुरुष भेद से ऊपर उठते समाज की अगवानी करती है ! "पिंक" एक फ़लसफ़ा है-- जो इच्छा और अनिच्छा की गहरी मीमांशा करती है ! "पिंक" एक संदेश है-- जो "चरित्र" की परिभाषा का मूल्यांकन करने की इच्छा देता है ! "पिंक" एक "नहीं" को "नहीं" समझने की ऐसी शानदार नसीहत है जिसे "हाँ" कहने को दिल करता है !! "अमिताभ बच्चन कितने प्रभावशाली और वास्तविक हो सकते हैं । पिंक उसका उदहारण है । उनकी आँखे, उनका संवाद, उनका हाव भाव, उनकी झुर्रियां और उनकी बेचैनी सब मिल कर ये साबित करती हैं कि क्यों श्री बच्चन सदी के महानायक है...